इसके बाद सर पर जालीदार टोपी धारण कर एकांत वाले कमरे में नमाज पढ़ने की अवस्था में बैठ जाए. विधुज्जिव्हा यक्षिणी : भूत वर्तमान और भविष्य का ज्ञान बताने वाली. यहाँ सदगुरु दुनिया के सबसे ज्यादा उल्लासमय, समृद्ध त्योहारों में से एक, दिवाली का आध्यात्मिक महत्व समझा रहे हैं, जिससे https://simonrqnhc.blogginaway.com/32965148/the-ultimate-guide-to-how-to-do-vashikaran-kaise-hota-hai